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होली व शब्बेरात का त्यौहार | Kavita Holi Shab-e-berat
होली व शब्बेरात का त्यौहार ( Holi wa Shab-e-berat ka tyohar ) फाल्गुन की पुण्य पूर्णिमा,थी मंगल तिथि सात । हिन्दुओं की होली, मुस्लिमों की शब्बेरात । खेलें खायें मनाये, पूजें सभी एक साथ-साथ। पूर्वजो के प्रतीक गुजिया,चिराग की बिसात। आओ मनाये होली शब्बेरात का त्यौहार ।।1।। नाचे गायें मधुर फाग फैले चहुँओर ।…
मौत मुक्ति तो नहीं है | Maut par Kavita
मौत मुक्ति तो नहीं है ( Maut mukti to nahi hai ) मृत्यु शाश्वत सत्य है जग में मौत मुक्ति तो नहीं है। मिले हरि भजन से आसान युक्ति तो नहीं है। स्वर्ग गए सिधार कहो कह दो मृत्यु को प्राप्त हुए। कर्मभूमि में शुभ कर्म जो सांसों में हरि व्याप्त हुए। जितनी सांसे…
घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं
घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं घर जाने की उसके ही जरूरत नहीं जब रही उसको तुझसे मुहब्बत नहीं प्यार से कैसे महकेगी सांसे मेरी फूलों में ख़ुशबू की वो नज़ारत नहीं इसलिए छोड़ दिया साथ उसका मैंनें दोस्त उसकी लगी अच्छी आदत नहीं कर गया है मुझे ग़ैर…
रक्षाबंधन का बसंत | Raksha Bandhan ka Basant
रक्षाबंधन का बसंत ( Raksha Bandhan ka Basant ) अब न रिस्तों का होगा अंत रक्षा बंधन का आया है ले लेकर खुशियों का बसंत अब न रिस्तों का होगा अंत। रंग बिरंगे उन धागों का गुच्छ अनोखा अनुरागों का, गांठ बांध कर प्रीति सजाकर अरुण भाल पर तिलक लगाकर, दीप जलाकर…
प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे
प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे प्यार के वो ही आज़म सहारे टूटे! आज वो ही वफ़ा के किनारे टूटे प्यार की ही कहानी बढ़ी इसलिए आंखों से आंखों के ही नजारे टूटे अब ज़बां पे यकीं होगा उसकी मुझे वादों के दिल से ही वो बहाने टूटे अपनों…
महेन्द्र कुमार की कविताएं | Mahendra Kumar Hindi Poetry
पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है सकारात्मक सोच प्रशस्त,नवल धवल अनुपम पथ ।असफलता अधिगम बिंदु,आरूढ़ उत्साह उमंग रथ ।आलोचनाएं नित प्रेरणास्पद,श्रम साधना उत्तर धात है ।पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है ।। तज नैराश्य निम्न विचार,अंतर प्रज्वलन लक्ष्य ज्योत ।बाधाएं सदा अवसानित,आत्मविश्वास परम मैत्री श्रोत ।शोधन उन्नत विगत त्रुटियां,प्रति…