हमसे पूछो न कि हुआ क्या है
हमसे पूछो न कि हुआ क्या है

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है

 

हमसे पूछो न कि हुआ क्या है,
दर्दे दिल की मेरे दवा क्या है।।

तंग जेबों में ढूंढ़ने वालों,
तुमको मालूम है कहां क्या है।।

आज ही शुक्रिया कहूं उसका,
कल की सांसों का भरोसा क्या है‌।।

घोंटकर मेरी ख्वाहिशों का गला,
पूछता है मेरी रजा़ क्या है।।

जो अपनी बात से हट जाये शेष,
ऐसे लोगों का भरोसा क्या है।।

 

?

कवि व शायर: शेष मणि शर्मा “इलाहाबादी”
प्रा०वि०-बहेरा वि खं-महोली,
जनपद सीतापुर ( उत्तर प्रदेश।)

यह भी पढ़ें :

अंधेरा चाहे जितनी कोशिशें करता रहेगा | Diwali ki kavita in Hindi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here