ए दिल सुन जरा
ए दिल सुन जरा 1 उसकी यादों में दिन कटता उसके ख़्वाबों में रातें कटती ए दिल सुन जरा तू भूल जा उसको ज़रा 2 जो तेरा नहीं हुआ है उसको क्या याद करना भला ए दिल सुन ज़रा तू भूल जा उसको ज़रा 3 किया था वादा उसनें साथ निभाने का कभी और…
ए दिल सुन जरा 1 उसकी यादों में दिन कटता उसके ख़्वाबों में रातें कटती ए दिल सुन जरा तू भूल जा उसको ज़रा 2 जो तेरा नहीं हुआ है उसको क्या याद करना भला ए दिल सुन ज़रा तू भूल जा उसको ज़रा 3 किया था वादा उसनें साथ निभाने का कभी और…
आज उसकी चले हम गली छोड़कर आज उसकी चले हम गली छोड़कर नफ़रतें उसकी वो दोस्ती छोड़कर चैन दिल को मिलेगी बहुत तेरे ही देख तू दोस्त ये मयकशी छोड़कर दोस्ती प्यार का होगा अहसास वो देख दिल से अपनें दुश्मनी छोड़कर प्यार के गुल उगाये आंगन में हमने दीवारें…
मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां मुश्किलों का न डर फिर रहेगा यहां।। सामना होश से ग़र करेगा यहां।। चैन पाते नहीं जिंदगी में कभी। वैर जिनके दिलों में पलेगा यहां।। मौज बेशक मना लो भले लूट से। ज़र न ज्यादा दिनों वो टिकेगा यहां।। दिल कभी भी किसी का…
नहीं फूलों भरा आंगन रहा है नहीं फूलों भरा आंगन रहा है यहां सूखा यारों सावन रहा है ख़ुशी के फूलों से दामन भरा कब ग़मों से ही भरा दामन रहा है मिली मंजिल नहीं राहें वफ़ा की परेशां हर घड़ी बस मन रहा है खिले खुशियों कें जीवन में…
उसके ख़त का जवाब देना है ( Uske khat ka jawab dena hai ) उसके ख़त का जवाब देना है अब उसे एक गुलाब देना है जान तो नाम कर चुके तेरे और क्या अब जनाब देना है ? इस जहां में तुझे ही बस हमको बावफ़ा का ख़िताब देना है…
मुस्कुराते रहे वो बिना बात पर ( Muskurate rahe wo bina baat par ) मुस्कुराते रहे वो बिना बात पर। दिल पे छाते रहे हर मुलाकात पर।। तीर ऐसे नजर से चलाते रहे। जुल्म ढाते रहे पस्त हालात पर।। है नज़र आ रहे हर तरफ वो हमें। इस तरह छा गये फिर …
याद में तेरी ग़ज़ल ( Yaad mein teri gazal ) हिज्र के ग़म जिंदगी में हम सहेगे उम्रभर याद में तेरी ग़ज़ल हम तो लिखेगे उम्रभर इस जहां में तू कभी ख़ुद को तन्हा मत समझना साथ तेरे हर क़दम पे हम चलेगे उम्रभर जिंदगी में ए ख़ुदा कोई मिले अब हम…
अब तो उसी की आरजू होने लगी ( Ab to usi ki aarzoo hone lagi ) प्यार की ही ये किसी से गुफ़्तगू होने लगी रात दिन अब तो उसी की आरजू होने लगी खो गया मिलकर हंसी मुखड़ा मुझसे जो भीड़ में शहर की अब हर गली में जुस्तजू होने लगी …
आप कहके मुकर जाइये ( Aap kahke mukar jaiye ) अब इधर न उधर जाइये। आप दिल में उतर जाइये।। आईना भी जले देखकर, इस कदर न संवर जाइये।। हमको अच्छा लगेगा बहुत, आप कहके मुकर जाइये।। आखिरी इल्तिजा आपसे, मेरे घर से गुज़र जाइये।। गांव है शेष भोले…
मुहब्बत की बस ये कमाई रही ( Muhabbat ki bas ye kamai rahi ) मुहब्बत की बस ये कमाई रही मुकद्दर में अपने जुदाई रही बुरे लोगों से दूर हम तो रहे शरीफों से बस आशनाई रही बहन की ये राखी का देखो कमाल सदा मुस्कुराती कलाई रही ग़लत काम…