Jayamala ki rasm kavita

जयमाला की रस्म | Jayamala ki rasm kavita

जयमाला की रस्म ( Jayamala ki rasm kavita )   सुबह से ही सजने लगा जयमाल का मंच, यह विवाह की रस्म है या धन का प्रपंच। शाम तक सज धज के मंच तैयार हुआ, निर्जीव फूलों से सजीवता का कार्य हुआ।   अब लगने लगा है स्वर्ग का यह सिंहासन, इससे सुंदर नहीं बैठने…

इज्जत बहुत गुलाब को

इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल | Ghazal

इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल ( Izzat bahut gulab ko, di humko sirf dhool )   इज्जत बहुत गुलाब को, दी हमको सिर्फ धूल ! करने को फिर शिकायतें , आये हैं कुछ बबूल !!   रब से अता उस जैसे ‌ ही, काॅंटे हमारे पास ! क्यों वो है दिलफरेब पै,…

Nasha par kavita

ना नशा करो ना करने दो | Nasha par kavita

ना नशा करो ना करने दो ( Na nasha karo na karne do )   नशा करो ना करने दो समझा दो सबको प्यार से क्यों मौत को गले लगाते क्यों खेल रहे अंगार से   जूझ रहे जो पड़े मौत से हाल जरा जाकर देखो टीबी कैंसर का कारण है गुटखा जर्दा सब फेंको…

Do joon ki roti

दो जून की रोटी | Do joon ki roti | Kavita

दो जून की रोटी ( Do joon ki roti )     रोटियाँ…रोटियाँ… रोटियाँ… रोटियाँ….   आगे पीछे उसके दुनिया है घूमती वास्ते उसी के, चरणों को चूमती बेमोल बेंच देता है, ईमान आदमी सामने नजर के,जब वो है घूमती।।   उपदेश सारे बंद किताबों में कीजिए भूख में नजर बस, आती है रोटियां।।  …

Aam kavita

आम | Aam kavita

आम ( Aam )   खाओ ताजा-ताजा आम कहते फलों का राजा आम। कुछ कच्चा कुछ पक्का आम कुछ खट्टा कुछ मीठा आम।। बागों में जब बौरे आम कोयल बोले सुबह और शाम । देख टिकोरा तोड़े छोरा भूल के घर का सारा काम।। लंगड़ा चौसा और दशहरी ना जाने हैं कितने नाम । बने…

Aaya mahina june ka

आया महीना जून का सूरज उगले आग | Aaya mahina june ka | Chhand

आया महीना जून का सूरज उगले आग ( Aaya mahina june ka suraj ugale aag )   आया महीना जून का, सूरज उगले आग। चिलचिलाती धूप में, बाहर ना जाइए।   गरम तवे सी धरती, बरस रहे अंगारे। आग के गोले सी लूएं, खुद को बचाइए।   गर्मी के मारे पखेरू, उड़ते फिरे बेहाल। पानी…

Kavita mausam suhana hai

मौसम सुहाना है मधुबन खिल सा जाए | Kavita mausam suhana hai

मौसम सुहाना है मधुबन खिल सा जाए ( Mausam suhana hai madhuban khil sa jae )   मौसम सुहाना है मधुबन खिल सा जाए बरसे प्रेम सलोना वादियां भी महक जाए चल कहीं दूर निकल जाए   मन की उमंगे सारी प्रीत की वो बातें प्यारी कितने हंसी वो लम्हे सुहानी वो यादें हमारी चंचल…

Tambaku tere karan

तंबाकू तेरे कारण | Geet tambaku tere karan

तंबाकू तेरे कारण ( Tambaku tere karan )   रूठ गई है मुझसे अम्मा रूठा सारा परिवार घर का रहा ना घाट का में फिरता हूं लाचार तंबाकू तेरे कारण, तंबाकू तेरे कारण।   पड़ा नशे में धुत रहा ना रही सुध बुध खाने की भुगत रहा परिणाम सारे लत गले लगाने की गुटका पान…

Kavita dabe pair

दबे पैर | Kavita dabe pair

दबे पैर ( Dabe pair )   वो दबे पैर अंदर आयी जैसे बंद कमरों में ठंड की एक लहर चुपके से आ जाया करती है और बदल गयी सारे रंग मेरे जीवन के, जैसे पहली बारिश धरा को बदल ज़ाया करती है अंकुर फूटे भावनाओं के और मदिरा सी मस्ती छा गयी कुछ ना…

Journalism Day Kavi Sammelan

पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन

” पत्रकारिता दिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन “   हिन्दी पत्रकारिता दिवस की पूर्व संध्या पर “अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम” (साहित्यिक सांस्कृतिक संस्था) के तत्वावधान में डॉ. ओमप्रकाश पांडेय की अध्यक्षता एवं डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में गूगल मीट के माध्यम से पहले सत्र में एक ऑनलाइन “हिन्दी पत्रकारिता: दिशा एवं दशा”…