जयमाला की रस्म | Jayamala ki rasm kavita
जयमाला की रस्म ( Jayamala ki rasm kavita ) सुबह से ही सजने लगा जयमाल का मंच, यह विवाह की रस्म है या धन का प्रपंच। शाम तक सज धज के मंच तैयार हुआ, निर्जीव फूलों से सजीवता का कार्य हुआ। अब लगने लगा है स्वर्ग का यह सिंहासन, इससे सुंदर नहीं बैठने…