बरेली की संस्था का मुरादाबाद में आयोजन

बरेली की संस्था का मुरादाबाद में आयोजन

फ़राज़ एकेडमी मुरादाबाद ने बरेली की शुभम मेमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था के सहयोग से मुरादाबाद के पीपलसाना में एक गंगा-जमुनी कवि सम्मेलन का आयोजन किया। इस अद्वितीय साहित्यिक और सांस्कृतिक आयोजन में गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक दिखाई दी। पहला दौर: गंगा-जमुनी कवि सम्मेलन कवि सम्मेलन के पहले दौर की अध्यक्षता बरेली के प्रसिद्ध शायर…

पयमाना हमारे आगे

पयमाना हमारे आगे

पयमाना हमारे आगे लाइये साग़रो-पयमाना हमारे आगेछोड़िये आप ये शर्माना हमारे आगेहुस्ने-मतला — क्या पियेगा कोई पयमाना हमारे आगेअब भी शर्मिंदा है मयखाना हमारे आगे हमने हर रुख से ज़माने का चलन देखा हैसोच के कहियेगा अफ़साना हमारे आगे रोक क्या पायेंगे राहों के अंधेरे हमकोशम्अ रौशन है फ़कीराना हमारे आगे हम वफ़ादार हैं उल्फ़त…

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं

वो सपनों में आकर सताने लगे हैं वो सपनों में आकर सताने लगे हैंमेरी धड़कनों को बढ़ाने लगे हैं बनाया था तिनकों से जो आशियानाअदू आके उसको जलाने लगे हैं क़यामत कहीं आ न जाए यहाँ परसितमगर को हम याद आने लगे हैं ज़माने ने ठोकर लगाई है उनकोतभी होश उनके ठिकाने लगे हैं कहीं…

मनुमुक्त ‘मानव’, आईपीएस की 42वीं जयंती पर कवि-सम्मेलन आयोजित

मनुमुक्त ‘मानव’, आईपीएस की 42वीं जयंती पर कवि-सम्मेलन आयोजित

6 महाद्वीपों और 18 देशों के 25 कवियों ने की सहभागिता नारनौल(डॉ.सत्यवान सौरभ)। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा भारतीय पुलिस सेवा के दिवंगत अधिकारी डॉ. मनुमुक्त ‘मानव’ की 42वीं जन्म-जयंती पर अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन का आयोजन आज किया गया। लगभग अढ़ाई घंटों तक चले इस स्मरणीय कवि-सम्मेलन में छह महाद्वीपों और अठारह देशों के पच्चीस कवियों…

बुढ़ापा की लाठी

बुढ़ापा की लाठी | Laghu Katha

नीमा को ससुराल आये तीन माह ही हुए थे ।वह रट लगा दी कि मैं अलग खाऊंगी। आज से चूल्हा अलग…! मैं आपके मां-बाप को भोजन नहीं दे सकती। राहुल के लाख समझाने के बावजूद भी नीमा पत्थर की लकीर बनी रही। राहुल के मां-बाप भी हारकर अपनी बहू नीमा को कह दिये तुम्हें जो…

कोई कुछ भी करले

कोई कुछ भी करले

कोई कुछ भी करले कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होईहर मोड़ पर जो खड़ा रहे अइसन साथ ना होई । बिना सोचे समझे जो सर्वस्व करे निछावरअइसन केहू में जज्बात ना होई। कोई कुछ भी करले ऊ बाप ना होई … अपना से बड़ होखत देख जो दिल से निरेखेहर पल शुभे शुभे…

बाल-प्रज्ञान

बालमन का सुन्दर विश्लेषण करती है बाल-प्रज्ञान

सन् 1989 में हरियाणा में जन्मे डॉ. सत्यवान सौरभ बालसाहित्य के एक सुपरिचित हस्ताक्षर हैं। साहित्यकार, पत्रकार और अनुवादक डॉ. सत्यवान सौरभ ने बच्चों के साथ ही बड़ों के लिए भी विपुल साहित्य सर्जन किया है। बाल कविता की पुस्तकों के साथ ही प्रौढ़ साहित्य में दोहा, कथा, कविता, अनुवाद, रूपान्तर, सम्पादन की कई कृतियों…

कवि महेन्द्र कुमावत

कवि महेन्द्र कुमावत को कन्हैयालाल सहल द्वितीय पुरस्कार प्रदान

शब्दाक्षर राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था, संजीवनी व अलायंस क्लब नवलगढ़ द्वारा स्व. कन्हैयालाल सहल की जयंती पर जांगिड अस्पताल परिसर मे कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ दयाशंकर जांगिड थे तथा मुख्य अतिथि नगरपालिका उपाध्यक्ष कैलाश चोटिया विशिष्ट अतिथि इंजीनियर भंवरलाल जांगिड रामकुमार सिंह राठौड डाॅ अनिल कुमार शर्मा व…

दिल को राहत है इस बहाने से

दिल को राहत है इस बहाने से

दिल को राहत है इस बहाने से तेरी ग़ज़लों को गुनगुनाने सेदिल को राहत है इस बहाने से दिल में कितने ही उठ गये तूफांइक ज़रा उनके मुस्कुराने से लुत्फ़ आने लगा है अब मुझकोनाज़ नखरे तेरे उठाने से प्यार के सिक्के हैं बहुत मुझ पररोज़ लूटा करो खज़ाने से ढह गया है महल उमीदों…

हार हो गई

हार हो गई | Haar ho Gai

हार हो गई ( Haar Ho Gai ) सारी मेहनत बेकार हो गईइस बार भी हार हो गईकोशिश की थी बहुत हमनेमगर बेवफा सरकार हो गई । बड़ी मेहनत से उसको पाया थाबड़ी मुश्किल से करीब लाया थाअचानक वह फरार हो गईकिस्मत फिर दागदार हो गई । पास आकर वो चली गईकिस्मत फिर से छली…