जीवन सूना सूना सा | Katha Jeevan Soona Soona sa

सुदूर दक्षिण प्रांत में एक मास्टर जी है । उनकी जिंदगी बड़े आराम से गुजर रही हैं । पति पत्नी बहुत ही हंसी खुशी...

रमाकांत सोनी की कविताएं | Ramakant Soni Hindi Poetry

पांच साल बाद रौनक आए आज गली में मेरे जब हाथ जोड़ते नेता। श्वेत वस्त्र छवि मनमोहक पूरे लगते अभिनेता। मैं प्रत्याशी खड़ा हुआ हूं वोट अमूल्य...

महेन्द्र कुमार की कविताएं | Mahendra Kumar Hindi Poetry

वासंतिक नवरात्र चतुर्थ पिंड से ब्रह्मांड तक,मां कूष्मांडा का सहारा चतुर्थ नवरात्र अहम आभा, सर्वत्र भक्ति शक्ति वंदना । असीम उपासना स्तुति आह्लाद, दर्शन आदर सत्कार अंगना । अनंत नमन...

बिल्कुल फींके-फींके हैं ईद के लम्हात भी

बिल्कुल फींके-फींके हैं ईद के लम्हात भी   किस हद तक बदल गए हैं, गांव के हालात भी, बिल्कुल फींके-फींके हैं, ईद के लम्हात भी। कल तक जो...

सत्यवती सिंह सत्या की पहल, विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में...

शुभम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था की अध्यक्षा सत्यवती सिंह सत्या ने कविसम्मेलन का आयोजन शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में डाक्टर अखिलेश...

छंद घूंघट | मनहरण घनाक्षरी

छंद घूंघट मान मर्यादा रक्षक, लाज शर्म धर ध्यान। चार चांद सौंदर्य में, घूंघट सजाइए। प्रीत की फुहार प्यारी, सुंदर सुशील नारी। पिया मन को लुभाती, घूंघट लगाइए। गौरी...

वह आदमी | Kavita Wah Aadmi

वह आदमी ( Wah Aadmi )   वह आदमी दो कमरों के मकान में बड़ा खुश था कि अन्ना - आन्दोलन ने उसे राजनीति के कच्चे शीशे में जड़ा...

आज भी बेटियाँ | Kavita Aaj Bhi Betiyan

आज भी बेटियाँ ( Aaj Bhi Betiyan )   सिल बट्टा घिसती है, खुद उसमे पिसती है, बूँद बूँद सी रिसती है, मगर फिर भी हँसती, आज भी बेटियाँ गाँव...

शर्मसार मानवता | Kavita Sharmsar Manavata

शर्मसार मानवता ( Sharmsar Manavata )   धधकती स्वार्थ की ज्वाला में पसरती पिशाच की चाह मेंभटकती मरीचा की राह में चौंधराती चमक की छ्द्म मेंअन्वेषी बनने की...

थकान | Kavita Thakan

थकान ( Thakan )   जरूरी नहीं कि हर अंधेरा रोशनी के साथ हि पार किया जाय हौसलों के दीये कुछ दिल में भी जलाये रखा करिये माना कि गम...