Jaise tum ho paas kahin

जैसे तुम हो पास कही | Jaise tum ho paas kahin

जैसे तुम हो पास कही ( Jaise tum ho paas kahin )   ऐसा क्यो महसूस हो रहा, जैसे तुम हो पास कही। तेरे तन की खूशबू लगता’ मुझको जैसे पास अभी। शायद  है  ये  वहम  मेरा  या, मेरा पागलपन है, हुंकार हृदय तुझमे ही डूबा,तुझको ये एहसास नही।   इक कोरा कागज हूँ मैं…

Prakriti par kavita

प्रकृति | Prakriti par Kavita

प्रकृति ( Prakriti )   इस प्रकृति की छटा है न्यारी, कहीं बंजर भू कहीं खिलती क्यारी, कल कल बहती नदियां देखो, कहीं आग उगलती अति कारी।   रूप अनोखा इस धरणी का, नीली चादर ओढ़े अम्बर, खलिहानों में लहलाती फसलें, पर्वत का ताज़ पहना हो सर पर।   झरनों के रूप में छलकता यौवन,…

Dastan shayari

ये क्या अजब दास्तां बन गई | Dastan shayari

ये क्या अजब दास्तां बन गई ( Ye kya ajab dastan ban gayi )   ये क्या अजब दास्तान बन गई , खव्वाहिशे उसकी मेरे अरमान बन गई I   जिन राहो से गुजर गये वो कभी , वो मेरी मंजिलों की निशान बन गई I   दर्द के आगोश में तमन्नाओ की शाम ,…

Muskurahat Shayari

वो मुझे देखकर मुस्कुराते रहे | Muskurahat Shayari

वो मुझे देखकर मुस्कुराते रहे ( Wo mujhe dekh kar muskurate rahe ) वज़न: फाइलुन फाइलुन फाइलुन फाइलुन     इश्क बनके वो दिल में समाते रहे वो मुझे देखकर मुस्कुराते रहे   अक्स बनके वो आंखों में आते रहे रात भर मेरी नींदें उड़ाते रहे   एक पल के लिए उनको भूला नहीं सांस…

Kavita itishree

इतिश्री | Kavita itishree

इतिश्री ( Itishree )   धीरे धीरे खत्म हो रहा, प्यार का मीठा झरना। उष्ण हो रही मरूभूमि सा दिल का मेरा कोना।   प्रीत के पतवारो ने छोडा,प्रेम मिलन का रोना। अब ना दिल में हलचल करता,मिलना और बिछडना।   पत्थर सी आँखे बन बैठी, प्रीत ने खाया धोखा। याद तो आती है उसकी…

Antardwand kavita

अन्तर्द्वन्द्व | Antardwand Kavita

अन्तर्द्वन्द्व ( Antardwand )   मन जब अन्तर्द्वन्द से घिर जाये, तब हार न जायें जीवन में। हार न जायें जीवन में। कोयल सी वाणी जब कौए की भाँति कानों को चुभ जाये, हृदय की विदीर्णता पर जब कोई लेप न लगाये। टूटती आस जब बचाने को कोई हाथ पंख ना बन पाये, सफलता की…

Shayari on ghum

नहीं ग़म में कभी शामिल रहा है | Shayari on ghum

नहीं ग़म में कभी शामिल रहा है  ( Nahin gam mein kabhi shamil raha hai )     नहीं ग़म में कभी शामिल रहा है ? ख़ुशी का वो मेरी क़ातिल रहा है   कभी भी पेश उल्फ़त से न आया हमेशा यूं बड़ा जाहिल रहा है   ख़ुशी का हो भला अहसास कैसे ग़मों…

Mera swabhiman hai yah

मेरा स्वाभिमान है यह | Mera swabhiman | Kavita

मेरा स्वाभिमान है यह ( Mera swabhiman hai yah )   मैं गिरकर उठने का हुनर अब जान गई हूं किंलिष्ट प्रकृति का आवरण पहचान गई हूं तीन लोको की करती हुई आज अगुवाई जीवन -मृत्यु का मैं ही निरन्तर सेतु बनी   जिंदगी बढ़ाती हूँ मुकाम के अन्वेष पर संभालें रखती हूँ सृष्टि के…

Krishna bhakti gaan

कृष्ण भक्तिगान | Krishna Bhakti Gaan

कृष्ण भक्तिगान ( Krishna bhakti gaan )   कृष्ण तुलसी माला लेके कान्हा मैं तेरा इंतज़ार करती प्रभातवेला की घंटी बजने पे कान्हा मेरा मन उछलता रहा   वृन्दावन की एक एक धूली तेरी गाथाएं सुनाती रही यमुना नदी की छोटी लहरें भी तेरी लीलाएं बखान करती रही   तेरी निकटता पाने को तरसती निकुंजों…

Krishna kanhaiya geet

कृष्ण कन्हैया | Krishna kanhaiya geet

कृष्ण कन्हैया ( Krishna kanhaiya )   आ जाना, आ जाना, आ जाना घनश्याम, आज तुम आ जाना। माता यशोदा लाड लडाये, ग्वाल बाल सब माखन लाये। नटखट कान्हा मटकी फोड़, माखन मिश्री खा जाना‌ आ जाना आ जाना   सजा धजा वृंदावन सारा, गोकुल मथुरा जमुना किनारा। द्वारका का नाथ हमारा, सारी दुनिया का…