उसकी यादें के आंसू है आंख में
उसकी यादें के आंसू है आंख में उसकी यादें के आंसू है आंख में! आ गयी लाली ग़मों की आंख में देखता हूँ आईना आती नजर क़ैद सूरत हो गयी वो आंख में दें गया वो बेवफ़ाई के आंसू छोड़ गया ग़म ए असर वो आंख में आंख से क्या…
उसकी यादें के आंसू है आंख में उसकी यादें के आंसू है आंख में! आ गयी लाली ग़मों की आंख में देखता हूँ आईना आती नजर क़ैद सूरत हो गयी वो आंख में दें गया वो बेवफ़ाई के आंसू छोड़ गया ग़म ए असर वो आंख में आंख से क्या…
बरसाती मेंढक! *** माह श्रावण शुरू होते ही- दिखते टर्र टर्र करते, जाने कहां से एकाएक प्रकट होते? उधम मचाते, उछल कूद करते। कभी जल में तैरते, कभी निकल सूखे पर हैं धूप सेंकते। माह दो माह खूब होती इनकी धमाचौकड़ी, लोल फुला फुला निकालते कर्कश ध्वनि। इन्हें देख बच्चे खुश होते, तो कभी हैं…
दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है दिल लगाने की यहां सबको सजा मिलती है। दिल लरज़ता है कभी रूह भी यहां तङफती है ।। कौन रूसवा ना हुआ आकर यहां गलियों में। पंक में ही तो मुहब्बत की कली खिलती है।। नाम थकने का न लेती है ज़माने में…
उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में! चोट खायी प्यार में ही इसलिए है होश आया तो ये जाना जीवन क्या है वरना डूबा था मुहब्बत के नशे में जिंदगी में दुख बहुत देखें ख़ुदाया चाहता हूँ मैं ख़ुदा ये ही ख़ुशी…
वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे वो दिलों में फासला हरदम यूं लाते ही रहे । तोङ सारे ख्वाब दिल के रोज ढाते ही रहे।। दिल में बैठाया हमेशा ही यकीं हमने किया। गैर के जैसे सदा वो पेश आते ही रहे ।। प्यार की बातों को मेरा…
कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी! कब ख़ुशी की यहां जली बीड़ी! रोज ग़म की जलती रही बीड़ी बुझ जाती है जलने से पहले ही जो जलाता हूँ प्यार की बीड़ी नफ़रतों की जली यहां ऐसी सब ख़ुशी ख़ाक कर गयी बीड़ी छोड़ दें पीना दोस्त इसको तू कर रही …
नशा सिगरेट का इस तरह घर जाऊं अपनें ऐ यारों चढ़ गया मुझको नशा सिगरेट का जिंदगी कर देगी तेरी ख़ाक ये मत रख लब पे सिलसिला सिगरेट का जिस्म ये बेजार कर देगी तेरा छोड़ दें तू रास्ता सिगरेट का जल गये यादों भरे ख़त मेज पे कल कागज…
ज़माने की चालों से तुम बचके चलना ज़माने की चालों से तुम बचके चलना। सिखाएंगे तुमको सदा रँग बदलना।। हमें दिल लगाने की दौलत मिली है । कि सारी उमर फिर पड़ा ग़म में जलना।। यहां बेवफाई का आलम न पूछो। मिटा दिल के अरमां पड़ा है तङफना।। ये हसरत…
कान मेरे उसकी चूडियां खनक गयी कान मेरे उसकी चूडियां खनक गयी प्यार में उसके दिल की धड़कन बहक गयी आख़री थी निशानी उसकी पास में हाथ से वो भी तो अंगुठी छनक गयी आ रही है सदा जिंदगी में ग़म की सूली पे ही ख़ुशी अपनी सब लटक गयी …