उसकी यादें के आंसू है आंख में
उसकी यादें के आंसू है आंख में

उसकी यादें के आंसू है आंख में

 

 

उसकी यादें के आंसू है आंख में!

आ गयी लाली ग़मों की आंख में

 

देखता हूँ आईना आती नजर

क़ैद सूरत हो गयी वो आंख में

 

दें गया वो  बेवफ़ाई के आंसू

छोड़ गया ग़म ए असर वो आंख में

 

आंख से क्या प्यार झलकेगा भला

है फ़रेब उसकी बसा बस आंख में

 

प्यार की देगी रवानी क्या दिल को

दें रही  है  आंसू मेरी आंख में

 

भूलना आज़म जिन्हें ही चाह है

बस गये है वो अब लम्हे आंख में

 

✏

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : 

उठ गये थे वो क़दम जो बेख़ुदी में

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here