बरसाती मेंढक!
बरसाती मेंढक! *** माह श्रावण शुरू होते ही- दिखते टर्र टर्र करते, जाने कहां से एकाएक प्रकट होते? उधम मचाते, उछल कूद करते। कभी जल में तैरते, कभी निकल सूखे पर हैं धूप सेंकते। माह दो माह खूब होती इनकी धमाचौकड़ी, लोल फुला फुला निकालते कर्कश ध्वनि। इन्हें देख बच्चे खुश होते, तो कभी हैं…