एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा..

एक लड़की को देखा तो ..(दूसरा भाग ) | Kahani

एक लड़की को देखा तो… दूसरा भाग (Ek ladki ko dekha to : Prem kahani )   1 Jan 2014 यह नए वर्ष का पहला दिन था।कड़ाके की ठंड थी।यद्यपि धुंध और कोहरा सुबह से ही था,जिससे कुछ भी देखना मुश्किल हो रहा था लेकिन कल रात से ही मेरे जीवन मे उजाला साफ दिखाई…

जिंदगी बस यूं ही...

जिंदगी बस यूं ही | Poetry on zindagi in Hindi

जिंदगी बस यूं ही… ( Zindagi bas yuhi )   यूं ही कभी न हारना तुम, ना खोने देना अपनी पहचान ।  यूं ही आगे बढ़ना तुम, ना होना तुम कभी निराश ।     यूं ही तुम्हारी हर मंजिल      तुम्हें मिलती जाएगी      तुम्हारी हर चाहत मिलेगी,      तुम्हारे हर सपने सच होंगे ।…

घुंघराले बालों वाले शर्मीले लड़के की प्रेमकहानी, उसी की जुबानी---

एक लड़की को देखा तो | Prem kahani

एक लड़की को देखा तो… (Ek ladki ko dekha to : Prem kahani )   13 जुलाई 2013 (जब मैंने पहली बार उसे देखा) मैं अपने घर पर था।मैं काफी समय बाद बेंगलुरु से घर आया था ।मैंने आपको बताया या नही मैं बेंगलुरु में जॉब करता हूँ और एक सॉफ्टवेयर कम्पनी(Virgosys software private ltd.) …

बेजुबान की आवाज़

बेजुबान की आवाज़ | Kavita

बेजुबान की आवाज़ ( Bezubaan ki awaz )   महाकाल तेरे इश्क़ में, चूर हो गया। ये लिखने पर, मजबूर हो गया। मैं नहीं था बुरा, मुझे तुमने बनाया है। इसलिए मैने भी, ये गाना रचाया है।। समझते क्या है तू, अपने आप को। मैने भी तेरे जैसों, को सिखाया है।। मैं महाकाल का लाल…

मुझे उड़ने दो

मुझे उड़ने दो | Women’s day special kavita

मुझे उड़ने दो ( Mujhe udne do : Hindi poem )   मैं तितली हूं.. मुझे उड़ने दो ।  मुझे मत रोको, मुझे मत टोको,  मुझे नील गगन  की सैर करने दो ।। मेरे पंखों को मत कतरो, मेरे हौसलों को मत तोड़ो,  मेरी ख्वाहिशों को हौसला दो  मुझे ऊंचाइयों को छूने दो ।  मैं…

इंसान बनो | Insan bano kavita

इंसान बनो | Insan bano kavita

इंसान बनो ( Insan Bano : Kavita )   ये हर तरफ क्या हो गया है, क्यों हर जगह उदासी का मंजर है । लोग छोटी-छोटी बातों पर, क्यों बेवजह लड रहे हैं, हर तरफ द्वेष नफरत ही, क्यों पल रही, बढ़ रही है ।। कहीं रिश्ते में दूरियां आ रही; तो कहीं इंसानियत मर…

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो | Poem on prakriti

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो | Poem on prakriti

प्रकृति से खिलवाड़ मत करो ( Prakriti se khilwar mat karo )   १) प्रकृति से खिलवाड़ मत करो, कुछ सोचो अत्याचार न करो प्रकृति है तो हमारा जीवन है, वरना कुछ भी नहीं I   २) साँस ले तो प्रकृति देती है , साँस दे तो प्रकृति लेती है न होती प्रकृति तो सांसों…

मेरी इच्छा

Hindi kavita : मेरी इच्छा

मेरी इच्छा ( Meri ichha : Kavita )    काश हवा में हम भी उड़ते तितलियों से बातें करते नील गगन की सैर करते अपने सपने को सच करते बादलों को हम छू लेते चाँद पर पिकनिक मनाते  मनचाही मंजिल हम पाते पेड़ो पर झट चढ़ कर हम जंगली जानवरों से बातें करते पंछियों से…