![Paijaniya par Kavita Paijaniya par Kavita](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/03/Paijaniya-par-Kavita-696x464.jpg)
पैंजनिया
( Paijaniya )
छम छम बाजे पांव में घुंघरू रुनक झुनक पैजनिया।
नाच रहे हैं मदन मुरारी मधुबन गूंजे प्यारी मुरलिया।
नटखट कान्हा झूम झूम के पैजनिया खनकाता है।
सारी दुनिया हुई कृष्ण दीवानी प्रेम रंग बरसाता है।
बाल लीलाएं बालकृष्ण की मनमोहक चितचोर है।
सारे जग का पालन हारा सांवरिया माखन चोर है।
मटकी तोड़े वृंदावन में गोपियों को रिझाते मोहन।
मटक मटक के मस्ती में चले मेरे प्यारे मनमोहन।
रुनझुन रुनझुन तान छेड़े अधरो पे मुरली घनश्याम।
मोहनी मूरत सांवरी सूरत खेले होली आओ श्याम।
श्याम रंग में रंग गई राधा मीरा हुई प्रेम दीवानी।
द्वारिका को नाथ सांवरो बाजे पैजनिया मस्तानी।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )