सोच कर देखो | Pakshi par Kavita
सोच कर देखो
( Soch kar dekho )
पक्षी पर कविता
( Soch kar dekho )
पक्षी पर कविता
क़लम की ताकत मेरी क़लम है मेरी जुबां,जिससे कहती हूँ हर दास्तां।हर दर्द, हर खुशी के रंग,इसी से रचती हूँ मैं जीवन के ढंग। यह स्याही नहीं, यह भावना है,जो दिल से निकल, कागज पर थामना है।हर अक्षर में बसती है एक सदी,यह कलम तो मेरे सपनों की नदी। कभी चुप रहकर चीखती है,अन्याय पर…
सनातन धर्म हमारा ( Sanatan dharm hamara ) अजर अमर सनातन धर्म हमारा सृष्टि संग अवतरण, अनंत अंतर आह्लाद । मानवता श्री वंदन, आनंद परम प्रसाद । वेद आभा अंतर्निहित, अविरल ओजस्विता धारा । अजर अमर सनातन हमारा ।। नैतिकता दिव्य रंग रुप, अपार आस्था सत्कार । धर्म कर्म पुनीत रश्मियां, जीवन हर स्वप्न…
ऐसे है हमारे पापा ( Aise hai hamare papa ) बदन पे खाकी वर्दी घुमते-रहतें गर्मी चाहें सर्दी, दिल में है जिनके दया-भाव और यह संवेदना। ऐसे है हमारे पापा जो है एक सैनिक एवं कवि, लिखतें है कविता पर नहीं करतें ये आलोचना।। पिछलें कई वर्षों से कर रहें है यह…
कोरोना की बरसी ! ***** सुन आई हंसी देखा केक काट थी रही! किसी ने कहा- जन्मदिन मना ली? अब जाओ इतना भी न सताओ। करोड़ों पर तेरी कृपा हुई है लाखों अब भी पीड़ित हैं इतने ही हुए मृत हैं। न दवा है न वैक्सीन और कितना रूलाएगी? ऐ हसीन! हसीन कहने पर लोग…
हृदि समंदर ! मन के अन्दर ! एक समन्दर ! एक समन्दर ! मन के अन्दर । गहरा – उथला उथला – गहरा तट पे बालू – रेत समन्दर । इच्छाओं की नीलिमा ले मन का है आकाश समन्दर। इसमें सपनों के मोती हैं संघर्षों की प्यास समन्दर। इसके गहरे पानी पैठ अनुभव के हैं…
आओ प्यार करें ( Aao Pyaar Karen ) आओ प्यार करें,गुलों को हार करें,रूठें इक दूजे से,और मनुहार करें, बीते जो दिनमान,उनको याद करें,आने वाले पल का,स्वागत इंतजार करें,आओ प्यार करें। आभा गुप्ताइंदौर (म. प्र.) यह भी पढ़ें :-