परीक्षा मंत्र
परीक्षा मंत्र
सुनो, तुम्हे सुनाने आया हूं।
जागो, तुम्हें जगाने आया हूं।
देखो, तुम्हें दिखाने आया हूं।
बोलो तुम्हे बुलाने आया हूं।।
पढ़ी पुस्तके पलटो, उत्तर मिल जायेगा,
वर्ष भर लिखी नोट्स को देखो, उत्तर मिल जायेंगे।
बस मेरी इक बात मानो ध्यान से पढ़ो ध्यान से सुनो,
तुम्हे अपने जीवन के एक-एक मार्ग मिल जायेंगे।।
करलो मनमें दृढ़ विश्वास,करना है परीक्षा पास,
बिना सकल के, बिना नकल के,केवल अकल से।।
अकेले में करो दोस्ती किताबों से,उन्हें रखो मगर ध्यान से।
कहीं छूट न जाये कोई कोना,तुम्हारी निगाह से।।
होंगे कामयाब, तुम जीवन भर,
करोगे देश सेवा, बनके डाक्टर इंजिनियर,
शिक्षक, न्यायाधीश, निरीक्षक और अफसर,
न बनना नेता कभी और न करना आर०बी० के देश का बंटाधार।।
सुनो तुम्हे सुनाने आया हूं
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लेखक: राम बरन सिंह ‘रवि’ (प्रधानाचार्य)
राजकीय इंटर कालेज सुरवां माण्डा
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )
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