पर्यावरण || Kavita
पर्यावरण
( Paryaavaran )
( Paryaavaran )
कब बरसी सवनवाँ टप-टप चुवेला पसीनवाँ, हाय, कब बरसी सवनवाँ। लुहिया के चलले से सूखेला कजरवा, ऊपरा से नीचवाँ कब बरसी बदरवा। गरमी से आवें न पजरवाँ, हाय, कब बरसी सवनवाँ। टप-टप चुवेला पसीनवाँ, हाय, कब बरसी सवनवाँ। ताल-तलइया,नदिया,पोखरी सुखैलीं, अपने बलम के हम गोनरी सुतऊलीं। चिरई जुड़ाई कब खोंतनवाँ, हाय, कब बरसी सवनवाँ। टप-टप…
वे जीवित ही मरते कर्मशील जीवित रह कर के, हैं आराम न करते। नहीं शिकायत करता कोई, मुर्दे काम न करते। जीवन का उद्घोष निरन्तर, कर्मशीलता होती। कर्मक्षेत्र में अपने श्रम के, बीज निरंतर बोती। है शरीर का धर्म स्वेद कण, स्निग्ध त्वचा को कर दें, अकर्मण्यता ही शय्या पर, लेटी रह कर रोती। जो…
हंसते खिलते फूल ( Hanste khilte phool ) हंसते खिलते फूल, कितने प्यारे लगते। हंसते गाते बच्चे भी, चांद सितारे लगते। मुस्कानों के मोती देखो, खिले फूल गुलाब सा। खुशियां बरसे यहां, चमन प्यारे लगते। मोहक महक प्यारी, मन में उमंग जागे। खिलते फूल दिलों के, सबसे न्यारे लगते। सद्भाव प्रेम…
कोरोना का सीजन ( Corona ka season ) कोरोना का सीजन कोरोना का सीजन बढ़े रोग दिन दिन घटे ऑक्सीजन कोरोना का सीजन…….2 मार्च में आए अप्रैल में छाए पूरी मई यह तबाही मचाए जून में जाने की करे डिसीजन करोना का सीजन……. जुलाई में जोर भयो कमजोर अगस्त में गश्त बची अब थोर…
शख्सियत ( Shakhsiyat ) बेवजह ना हमें आजमाया करों। बात दिल पे सभी न लगाया करों। टूट जाएगी रिश्तों की जो डोर हैं, रोज ऐसे ना दिल को दुखाया करो। साथ जब दो मिलेगे अलग शख्सियत। तब अगल ही दिखेगी सभी खाशियत। हमकों जबरन ना खुद सा बनाया करो, हुस्न…
तेरी प्रिय प्रतिभा की मैं रूबाई हूॅ कुछ लिखिए, तो मैं भी लिखूँ, कल से कुछ लिख नहीं पाई हूँ। सानिध्य ले त्रिवेणी संगम बनूँ, कुछ बेहतरीन की सोच आई हूँ। जिक्र न मेरा न तुम्हारा होगा प्रथम स्थान की परछाई हूँ, परिवेष्टित स्नेहिल सा संसार, नेह में आकण्ठ बहुत हरषाई हूँ। यदा मिले याद…