
पर्यावरण
( Paryaavaran )
वृक्ष धरा का मूल भूल से इनको काटो ना ,
नदी तालाब और पूल भूल से इनको पाटो ना!
वृक्षों से हमें फल मिलता है
एक सुनहरा कल मिलता है
पेड़ रूख बन बाग तड़ाग ,
सब धरती के फूल …
भूल से इनको काटो ना ..
इनकी करो सदा रखवाली ,
आए धरती पर हरियाली ।
यही धरा का गहना है
तभी मौसम हो अनुकूल…..
जीव -जंतु तरु पशु -पक्षी
इनकी देखभाल करो तुम अच्छी
एक दूसरे पर सब निर्भर
सब इनको करो कबूल . …
भूल से इनको काटो ना….
चारों तरफ प्रकृति का घेरा
यही जीवन है यही सवेरा
यही प्रकृति का प्राण आधार
नहीं तो केवल धूल ….
भूल से इनको काटो ना