Pavan Bhumi
Pavan Bhumi

धन्य धन्य पावन भूमि

( Dhanya dhanya pavan bhumi )

 

कल कल पावन गंगाधारा हिम शिखर लगे प्यारा
धन्य धन्य मां भारती धन्य धन्य भारतवर्ष हमारा

सदा लूटाती स्नेह धारा मां ममता की मूरत सारी
आशीषो से झोली भरती जननी जन्मभूमि प्यारी

धन्य धन्य वीर प्रसूता प्राण न्योछावर कर जाते
धन्य लाल भारतमाता तेरे जो गीत वतन के गाते

धन्य धन्य पावन भूमि ऋषि मुनि ध्यान लगाते हैं
माटी का कण कण चंदन देव रमण को आते हैं

धन्य हुए संत शूरमां मर मिटे वतन की शान में
धन्य हुए मां जन्म लिया इस प्यारे हिंदुस्तान में

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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