आधी अधूरी सी | Poem aadhi adhuri si
आधी अधूरी सी
( Aadhi adhuri si )
क्यूँ रही मुलाकात आधी अधूरी सी…..
कुछ देर वक्त ठहर जाता
चुराकर तुम ही को तुम ही से
जिंदगी मुकम्म्मल कर लेता
‘इश्क’ सी जो रह गई आधीअधूरी सी
क्यूँ रही मुलाकात आधी अधूरी सी…..
रात के दामन से कहकशां ले
नक्श हर तेरा सजा देता
कुछ लम्हे ले उधार सजदे में
ईबादत ही निभा लेता
अब रह गई परस्तिश भी
महोब्बत सी आधी अधूरी सी
क्यूँ रही मुलाकात आधी अधूरी सी…..
हिज्र वसल के दायरों से परे
इस उफुक से दूर
इक नये आफाक तले
कहीं तुमसे मैं भी मिल
आब-ए-हयात पी लेता औ’
तिश्नगी अपनी मिटा लेता
आह ! रह गई प्यास आधीअधूरी सी
उफ्फ ! क्यूँ रही मुलाकात आधी अधूरी सी…
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
यह भी पढ़ें :-