![Poem abhi dil bhara nahin Poem abhi dil bhara nahin](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2022/11/Poem-abhi-dil-bhara-nahin-696x464.jpg)
अभी दिल भरा नहीं
( Abhi dil bhara nahin )
अभी दिल भरा नही,
अभी मन भरा नही,
क्यो जाते हों छोड़ के,
अभी कुछ हुआ नहीं।
अभी मन मिले नही,
अभी अधर मिले नही,
मंजिल अभी दूर है,
सच्चे साथी मिले नही।
दिल के फूल खिले नही,
मन के मैल धुले नही
धूल जाए जब दिल के मैल,
फिर कोई हमे गिले नही।
अभी कलि मुस्काई नही,
अभी यौवन पर आई नही,
थोड़ा अभी इंतजार करो,
अभी तुम्हारी बारी आई नही।
अभी बगिया महकी नही,
अभी कोयल चहकी नही,
कालिया अभी कच्ची है
अभी तक वे बहकी नही।l
अभी थोड़ा इंतजार करो,
अभी थोड़ा आराम करो,
मिल जायेगी खबर तुमको
अभी थोड़ा सा सब्र करो।
रचनाकार : आर के रस्तोगी
गुरुग्राम ( हरियाणा )
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