Poem ai zindagi
Poem ai zindagi

ऐ जिंदगी

( Ai zindagi )

 

ऐ जिंदगी…
कुछ देर
ठहर जा
बैठ जा
कुछ
कह जा
कुछ
सुन जा
वक्त का
तकाज़ा है
कभी तू
गुम है
कभी मैं…

 

हाँफती
भागती सी
तुझे छूने की
होड़ में
थकी मांदी सी
सुस्ताने के
बहाने ढूँढ
तलाशती
तुझको ही
बोझिल
कमज़ोर
नज़रें मेरी

ऐ जिंदगी….

 

ले कभी
आगोश में
अपने
सहला मुझे
बतिया मुझसे
दूरियां हटा
करीब आ
देखा नहीं
चेहरा तेरा
सदियों से
जैसे
दम भर को
दम आ जाये
उखड़ती सांसे
थमती धड़कनें
रवानगी फिर
आ जाये
रूह मेरी
संवर जाये
छूने से तेरे

ऐ जिंदगी…

 

कुछ पल
संग चलें
हमकदम
हमसफर
हमसाया
बनकर
मै तेरी
तू मेरी

ऐ जिंदगी…

 

सिर्फ
इक बार
सिर्फ
मेरी
बस मेरी
होकर
जी ले ज़रा
जी जा ज़रा…

?

Suneet Sood Grover

लेखिका :- Suneet Sood Grover

अमृतसर ( पंजाब )

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