भक्त से भगवान | Poem Bhakt Se Bhagwan
भक्त से भगवान
( Bhakt se bhagwan )
भक्त से भगवान का
रिश्ता अनोखा होता हैl
जब जब बजेगी बांसुरिया
राधा को आना होता हैl
द्रौपदी की एक पुकार पर
वचन निभाना पड़ता हैl
लाज बचाने बहना की
प्रभु को आना पड़ता हैl
मीरा के विश के प्याले को
अमृत बनाना पड़ता हैl
कृष्ण है मेरे ऐसे भोले
मोर मुकुट पीतांबर धारी
कमल नयन शेष सैया धारी
ध्रुव की भक्ति देख उन्हें
गोदी में बिठाना पड़ता हैl
भक्त प्रहलाद की खातिर
नरसिंह रूप आना पड़ता हैl
कभी सारथी बनके अर्जुन
को मार्ग बताना पड़ता हैl
मित्र सुदामा के खातिर
कच्चे अक्षत खाना पड़ता हैl
गायों की रक्षा के खातिर
ग्वाला बनना पड़ता हैl
गोपियों को मन में बस ने
माखन चुराना पड़ता हैl
यशोदा का लाल बनने
रस्सी में बंधना पड़ता है l
यमुना का जल नीरव करने
शेषनाग से लड़ना पड़ता हैl