Poem dulaar

दुलार | Poem dulaar

दुलार

( Dulaar )

 

 

नन्ना मुन्ना राजदुलारा, सबकी आंखों का तारा।
आशाओं भरा सितारा, खुशियों का खजाना सारा।

 

खुशी की शुभ घड़ी आई, घर-घर बंट रही बधाई‌।
दादी अम्मा को दुहाई, किलकारी सबके मन भाई।
बधाई हो बधाई,बधाई हो बधाई।

 

नटखट बालक इठलाता, मोहक मोहक मुस्काता।
कृष्ण कन्हैया सलोना, ठुमक ठुमक चलता जाता।

 

रुनझुन रुनझुन प्यारी, पैजनियां झंकार आई।
खिल उठे सबके चेहरे, लबों पर मुस्कान छाई।
बधाई हो बधाई, बधाई हो बधाई।

 

हंसता खेलता प्यारा सा, मधुर मोहक मुस्कान।
आंगन सारा महक उठे, खुशियों में झूमे लय तान।

 

हर्ष खुशी आनंद घर में, मधुर मधुर बहे पुरवाई।
माँ के नैनो से दुलार बरसता, दादी माँ भी हरसाई।
बधाई हो बधाई, बधाई हो बधाई।

 

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कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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