![Poem in Hindi on Raktdan Poem in Hindi on Raktdan](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2023/01/Poem-in-Hindi-on-Raktdan-696x472.jpg)
रक्तदान महादान
( Raktdan mahadan )
आज सभी लोग करों रक्त का दान,
इससे बड़ा नही कोई भी महा दान।
आज बचावोगे आप कोई भी जान,
कल वो बचाएगा तुम्हारी भी जान।।
एक-एक करके ही बनता है अनेंक,
ये रक्त दान करना होता बहुत नेक।
चाहें हारी बीमारी दुःख व तकलीफ,
सड़क हादसा चाहे कोई हों मरीज़।।
आता है ख़ून कमजोरी मे भी काम,
जो होता है सब का एक ही समान।
नही आती है ख़ून देने से कमजोरी,
ख़ून साफ होता है उसी का ज़रुरी।।
एक सप्ताह में बन जाता फिर नया,
खाओ व पीवो फिर सब कुछ नया।
इमरजेइन्सी एवं गंभीर मरीज़ आतें,
रक्त पहले उन लोगो को ही चढ़ाते।।
A, B और O बहुत प्रकार है इसमें,
नेगेटिव और पोजेटिव होता इसमें।
हर वर्ष ब्लड़ देते है सेना के जवान,
स्वस्थ और सेहतमन्द रहते जवान।।
लेता है रैड़क्रास कई केम्प लगाकर,
या तुम दे आओ हाॅस्पिटल जाकर।
मैं हूँ गणपत मेंने दिया है बहुत बार,
कुछ नही बिगड़ा मेरा एक भी बार।।
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