जीवन की आधारशिला | Poem jeevan ki aadharshila
जीवन की आधारशिला
( Jeevan ki aadharshila )
सत्य सादगी सदाचार है जीवन की आधारशिला।
सद्भाव प्रेम से खिलता हमको प्यारा चमन मिला।
पावन पुनीत संस्कार ही संस्कृति सिरमौर बने।
सत्य शील आचरणों में मानवता के जो गहने।
जब दिलों में प्रेम बरसता चेहरों पर मुस्काने हो।
राष्ट्रप्रेम की अलख जगाते देशभक्त दीवाने हो।
हौसलों की लेकर उड़ाने जो सफर में चल पड़े।
जीवन का आधार यही मंजिलों पे मिलते खड़े।
प्यार के मोती लुटाकर औरों की खातिर जीते हैं।
दुख दर्द में साथ दे सभी का गमों के घूंट पीते हैं।
मीठे वचन प्रेम झलके अपनापन अनमोल लाए।
भाईचारा स्नेह सरिता सबके दिल में जो बहाये।
मेहनत मूलमंत्र मान बहाता जो खून पसीना है।
बढ़ते रहना कदम कदम पे संघर्षों में जीना है।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )