Poem on aaj ki shaam dosto ke naam
Poem on aaj ki shaam dosto ke naam

आज की शाम दोस्तों के नाम

( Aaj ki shaam dosto ke naam )

 

 

अल्फाजों के मोती बरसे हर्ष खुशियां आनंद आए
खुशियों की घड़ियों में शाम मित्रों के नाम हो जाए

 

सुख-दुख बांटे बड़े प्रेम से गीतों की लेकर लड़ियां
सद्भावों की बहा दे सरिता बरसे सुंदर सी झड़ियां

 

सारे तूफानों से भीड़ ले पीड़ायें निष्काम हो जाए
मधुर तराने गीत गायें शाम मित्रों के नाम हो जाए

 

जोड़ें तार दिलों के सबके दिलों में हम बस जाए
संकट में मिले मित्र कोई बने फरिश्ता पीर मिटाएं

 

लबों पे मुस्कान सुहानी घर घर में खुशहाली आए
हंसी खुशी के पलों में शाम मित्रों के नाम हो जाए

 

देश प्रेम जनसेवा का जोश जज्बा दिल में सजा ले
सारे मिलकर झूमे नाचे खुशियों से त्योहार मना ले

 

उमंग उल्लास वासंती रंग नवरस हर ह्र्दय बरसाए
खुशी की बेला सुहानी शाम मित्रों के नाम हो जाए

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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