आओ मिलकर ईद मनाए
( Aao milkar eid manaye )
कौन दुखी हैं
कौन सुखी है
किधर है रोना
किधर खुशी है
कोई भूखा सो ना जाए,
आओ मिलकर ईद मनाएं।
एक बने हम
नेक बने हम
सच्चे मन से
प्रेम करे हम
आओ सबको गले लगाएं,
आओ मिलकर ईद मनाएं।
हर भूखे को
हर प्यासे को
पास बैठाओ
हर छोटे को
हर रिस्ता अनमोल बनाएं,
आओ मिलकर ईद मनाएं।
त्योहार प्रीति का
रीति नीति का
सौहार्द भरा यह
गीत मीत का
मिल जीवन खुशहाल बनाएं,
आओ मिलकर ईद मनाएं।
रचनाकार –रामबृक्ष बहादुरपुरी
( अम्बेडकरनगर )
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