Poem on HIV AIDS in Hindi
Poem on HIV AIDS in Hindi

 एचआईवी और एड्स

( HIV Aur AIDS )

 

यह घाव ही ऐसा है यार जो कभी‌ भी भरता नही,
जिसका ज़ख्म गहरा होता है कभी दिखता नही।
नही दवाई लगती ऐसा ख़तरनाक वायरस है यह,
लाइलाज़ बीमारी है जिससे पीड़ित व्यक्ति कही।।

 

जान बूझकर जिसको कोई नियन्त्रण मत दे देना,
पुख्ता ईलाज़ नही जिसका ये बीमारी जानलेवा।
एचआईवी नाम है इसका दवाओं के सहारे रहना,
ना करों यारों कोई स्त्री-पुरुष ज़िंदगी से छलावा।।

 

कमजोरी ला देती बीमारी बचाव ही ईलाज है ना,
५-१० वर्षो में दिखते लक्षण डाॅक्टरों का कहना।
ऐसा लगता है अगर एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी लेना,
असुरक्षित यौन संबंध कभी किसी से ना बनाना।।

 

होता है एचआई‌वी एवं इस एड्स में बहुत अन्तर,
ये एचआई‌वी प्रथम स्टेज़ और एड्स लास्ट स्तर।
१० वर्षो में इस के १७ लाख लोग हुये है शिकार,
इसलिए इसे ज़रुरी-है समझना सभी को बेहतर।।

 

लाना है जागरूकता सबको समझो व समझाना,
अगर HIV ईलाज ना लिया तो AIDS हो जाना।
इम्युन सिस्टम मजबूत व सूई-ब्लैड अपनें रखना,
ना छुपाना ना छुपना ना मरीज़ से कोई घबराना।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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