Poem on Kamal ka Phool in Hindi
Poem on Kamal ka Phool in Hindi

कमल

( Kamal )

 

कमल का विमल रूप,यश वैभव प्रदायक

उद्गम स्थल कर्दममय,
उरस्थ प्रेरणा संदेश ।
निर्माण आर्दश चरित्र,
आभा शांति संजेश ।
वंदन मां वीणा वादिनी,
ज्ञानोदय पथ परिचायक ।
कमल का विमल रूप,यश वैभव प्रदायक ।।

गणतंत्र दिवस श्री बेला,
राष्ट्र पुष्प दिव्य आभा ।
शोभित उन्नत राष्ट्रीयता ,
अनुभूत स्नेहिल प्रभा ।
राष्ट्र अस्मिता गरिमा गौरव,
सदा देश प्रेम महानायक ।
कमल का विमल रूप,यश वैभव प्रदायक ।।

रक्ताभ श्वेत नील सह,
गुलाबी बैंगनी वर्ण छवि ।
निष्कपट स्पष्ट धवल उर,
विकास प्रगति भाव नवि ।
शिरोधार्य सनातन संस्कृति ,
मृदुल सुसंस्कार स्वर गायक ।
कमल का विमल रूप,यश वैभव प्रदायक ।।

प्रज्ञान सुख समृद्धि आनंद,
गौरवशाली अनूप पहचान ।
पुरात्तन कला कथा दृष्टांत,
नित शीर्ष उपासनिक स्थान ।
कलम प्राण प्रतिष्ठा पावन ,
अग्र पद हिंद अधिनायक ।
कमल का विमल रूप ,यश वैभव प्रदायक ।।

 

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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