
मुफ्त की सलाह
( Muft ki salah )
फ्री फ्री फ्री मुफ्त की सलाह मिल रही सबको फ्री
हर मुश्किल समस्या का कोई इलाज लीजिए फ्री
सब हथकंडे सारे नुस्खे कई फार्मूले मिल जाएंगे
मुफ्त की सलाह देने कई माहिर विद्वान आएंगे
चुनावी चक्कर में पड़ गए आओ सलाह लीजिए
जीत हार के नुस्खे लेकर जीवन सफल कीजिए
मुफ्त की सलाह से बाबा चैनलों पर खूब छा गए
मुफ्त के आटा दाल खा लोग सड़कों पे आ गए
महंगाई ने पांव पसारे जनमानस अकुलाया है
मुफ्त में ही महामारी ने कैसा कहर ढहाया है
हर समस्या बीमारी का मिलता है हर तोड़ यहां
हर कोई तैयार बैठा मुफ्त में मिटाने झोड़ यहां
कोई योग मुफ्त में सबको सिखला रहा चैनलों पर
मुफ्त की सलाह बंट रही हर दर्जे हर चैनलों पर
जैसी मर्जी हो आपकी आकर लो मुफ्त की सलाह
सपनों को फिर पंख लगा उड़ान भरो अपनी चाह
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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