पापा | Poem on papa in Hindi
पापा
( Papa )
हर घड़ी याद आ रही पापा
रोज़ आँखों में है नमी पापा
रात दिन दिल उदास है मेरा
आपकी है यहां कमी पापा
छोड़कर ही तन्हा गये जब से
आपके बिन नहीं हंसी पापा
आपके जाने से यहां दिल में
एक पल भी न है ख़ुशी पापा
नाम रोशन जहां में करुँगी
आपकी हूँ वो मैं परी पापा
इसलिए आँसू है निगाहों में
आपके बिन तन्हा हुई पापा
नफ़रतों की चली न राहों पर
प्यार की राहों पर चली पापा
हो गये दूर जब से गीता से
जिंदगी तब से ग़म भरी पापा
गीता शर्मा
( हिमाचल प्रदेश )