ईश प्रार्थना बल देती है
( Eesh prarthana bal deti hai )
ईश्वर की आराधना हमें बल देती है,
हमारी सभी परेशानियाॅं हर लेती है।
हर कण-कण में है जिसका निवास,
ये प्रार्थना ही दलदल से उभारती है।।
चाहें कितना भी हो मुश्किल कार्य,
ईश्वर कृपा से वो आसान हो जाता।
सच्चे मन से ज़रुरी होती है साधना,
वह व्यक्ति अपनी मुरादे पूरी पाता।।
यह मनुष्य जीवन है बड़ा अनमोल,
बोले मीठे मीठे सभी से प्यारे बोल।
ईश्वर का वास है सभी के रोम-रोम,
यह पृथ्वी है जैसे सारी गोलमटोल।।
रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )