प्रेम और प्यार

( Prem Aur Pyar ) 

 

प्रेम आत्मिक है_प्यार आकर्षण है
प्रेम घटना है_प्यार वरण है
प्रेम अलौकिक है_प्यार लौकिक है
प्रेम अद्भुत है _प्यार सहज है

प्रेम तृप्ति है _प्यार तृष्णा है
प्रेम समर्पण है _प्यार ऐच्छिक है
प्रेम अमर है। _प्यार सामयिक है
प्रेम अनंत है _प्यार सीमित है

प्रेम मे संवेदना है _प्यार मे वेदना है
प्रेम हृदयंगम है _प्यार शारीरिक है
प्रेम शाश्वत है _प्यार नश्वर है
प्रेम परिभाषित नही _प्यार शाब्दिक है

प्रेम लालची नही _प्यार नि:स्वार्थ नही
प्रेम मे रंग भेद नहीं _प्यार मे सुंदरता है
प्रेम अंतर्दृष्टि से है _प्यार बह्यदृष्टि से है
प्रेम मूक है _प्यार वाचाल है

प्रेम एकाकार है _प्यार साक्षात्कार है
प्रेम मे भावना है _प्यार मत वासना है
प्रेम मे देना है _प्यार मे लेना है
प्रेम परम है _प्यार मौसम है

 

मोहन तिवारी

 ( मुंबई )

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निज भाषा | Nij Bhasha

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