एक प्रेम कविता
( Ek prem kavita )
जब जब साथ तुम्हारा मिले
यह ह्रदय मेरा प्रेम से खिले,
फूलों से महक जाए हर खुशी
भावनाओं में जैसे ये मन वहे ।।
मैं एक प्रेम कविता बन जाऊं
तू लिखे मुझे अपनी चाहत से ,
खाली समय में बस सोचे मुझे,
तेरी ही एक प्रेम कविता कहलाऊं।।
प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश