चलो आओ | Prem ras ki kavita
चलो आओ
( Chale aao )
महोब्बत से भरे
दिल के दियों में
रूह की बाती बना
तुझमें ‘मैं’ जलूँ
मुझमें ‘तू’ जले
इक रात ही
क्यों
हर रात की स्याही
तू भी रौशन करे
मैं भी रौशन करूँ.
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
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