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महंगाई | Kavita mehngai
महंगाई ( Mehngai ) महंगाई ने पांव पसारे कमर तोड़ दी जनता की सुरसा सी विस्तार कर रही बढ़ रही दानवता सी आटा दाल आसमान छूते भुगत रहे तंगहाली को निर्धन का रखवाला राम जो सह रहे बदहाली को दो जून की रोटी को भागदौड़ भारी-भरकम होती स्वप्न सलोने सारे धराशाई मजबूरियां…

मैं हिंदी हूँ | Hindi Diwas par Kavita
मैं हिंदी हूँ ( Main Hindi Hoon ) मैं हिंदी हूँ हिंद की जय बोलती हूँ, देश के कण-कण में मेरे प्राण बसे प्रेम-भाईचारे के भाव से सभी के दिलों को जोड़ती हूँ मैं हिंदी हूँ, हिंद की जय बोलती हूं । मैं हिंदी हूँ, हिंद की जय बोलती हूं । भारतवर्ष देश है…

जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी
जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी *********** बिहार के जनता- भूल गईल बा मंदिर मस्जिद, आ भूल गईल बा जाति मजहब; भैया हो ! अबकी चुनाव में- बिहारी कइले बा गजब! जनता के मांग अबकी नेता के नइखे पचत, जेने जाईं ओन्ने बेरोजगार बाड़े पूछत। कहां बा# रोजगार? हे सरकार! वोटवा लेवे खातिर बानी…

आओ मिलकर प्यार लिखें | Geet
आओ मिलकर प्यार लिखें ( Aao milkar pyar likhen ) प्रेम और सद्भावों की मधुर मधुर बयार लिखे खुशियों भरा महकता सुंदर सा संसार लिखे मधुर गीतों की लड़ियां गा गुल गुलशन गुलजार लिखें अपनापन अनमोल जग में आओ मिलकर प्यार लिखें जहां नेह की बहती धारा पावन गंगा की धार लिखें जहां…

बोतल | Kavita Botal
बोतल ( Botal ) ता-ता थैया करती बोतल लाती है बाहर l उसकी ताकधीना-धिन पर नाच रहा संसार l बोतल में है समाया सारे जग का सार l करता है गुलामी बोतल की संसार l बिन बोतल के सूना है संसार बिना बोतल नहीं नहीं है मनुज का उद्धार। बोतल के दम पर आज बच्चा…

काव्य मिलन | Kavita Kavya Milan
काव्य मिलन ( Kavya Milan ) माँ-बाप से बढ़कर, हमें करता कोई प्यार नहीं, उनसे ही वजूद हमारा उनके बिना संसार नहीं, हाथ पकड़कर चलना वो ही हमें सिखलाते हैं, उनसे ज़्यादा इस दुनिया में और मददगार नहीं, जब-जब चोट हमें लगती मरहम वो बन जाते, तबीब भी कोई उनके जैसा है तर्जुबेकार नहीं,…

महंगाई | Kavita mehngai
महंगाई ( Mehngai ) महंगाई ने पांव पसारे कमर तोड़ दी जनता की सुरसा सी विस्तार कर रही बढ़ रही दानवता सी आटा दाल आसमान छूते भुगत रहे तंगहाली को निर्धन का रखवाला राम जो सह रहे बदहाली को दो जून की रोटी को भागदौड़ भारी-भरकम होती स्वप्न सलोने सारे धराशाई मजबूरियां…

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जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी
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आओ मिलकर प्यार लिखें | Geet
आओ मिलकर प्यार लिखें ( Aao milkar pyar likhen ) प्रेम और सद्भावों की मधुर मधुर बयार लिखे खुशियों भरा महकता सुंदर सा संसार लिखे मधुर गीतों की लड़ियां गा गुल गुलशन गुलजार लिखें अपनापन अनमोल जग में आओ मिलकर प्यार लिखें जहां नेह की बहती धारा पावन गंगा की धार लिखें जहां…

बोतल | Kavita Botal
बोतल ( Botal ) ता-ता थैया करती बोतल लाती है बाहर l उसकी ताकधीना-धिन पर नाच रहा संसार l बोतल में है समाया सारे जग का सार l करता है गुलामी बोतल की संसार l बिन बोतल के सूना है संसार बिना बोतल नहीं नहीं है मनुज का उद्धार। बोतल के दम पर आज बच्चा…

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