प्यार का ए ख़ुदा अब गुलाब चाहिए | Ghazal
प्यार का ए ख़ुदा अब गुलाब चाहिए!
( Pyar ka e khuda ab gulab chahie )
प्यार का ए ख़ुदा अब गुलाब चाहिए!
इक हंसी जिंदगी में ज़नाब चाहिए
नफ़रतों के पन्ने पड़ लिये ख़ूब है
प्यार की उम्रभर अब क़िताब चाहिए
जो ख़ुशी से भर दें दामन मेरा सदा
ऐसा ए रब शगुफ़्ता शबाब चाहिए
कर दें इतना करम प्यार भर दें दिल में
प्यार का उसके ही रब ज़वाब चाहिए
जो हमेशा ग़मों के रक्खे दूर रब
जिंदगी को हयात ए वो आब चाहिए
जो हमेशा सांसों में महके आज़म की
उम्रभर के लिए रब गुलाब चाहिए