प्यार की ये अजब रीत है | Pyar Ki ye Ajab Reet Hai
प्यार की ये अजब रीत है
( Pyar Ki ye Ajab Reet Hai )
प्यार की ये अजब रीत है।
हार में भी छुपी जीत है।।
किससे शिकवा करें हम कहो,
पास में जब नहीं मीत है।।
धूप के साथ है छांव भी,
ज़िन्दगी ऐसा ही गीत है।।
दूर होकर लगे पास वो,
हां यही सच कहूं प्रीत है।।
कोई ममता है दिल में बसा,
साज़ बिन बजता संगीत है।।
डॉ ममता सिंह
मुरादाबाद
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