प्यार से कब मिला है मुझे

प्यार से कब मिला है मुझे | Ghazal Pyar se

प्यार से कब मिला है मुझे

( Pyar se kab mila hai mujhe )

 

 

प्यार से कब मिला है मुझे !

नफ़रत से देखता  है मुझे

 

भूल गया शायद दिल से मगर

कब वही सोचता है मुझे

 

कब निभा वो रहा है वफ़ा

वो दग़ा दें  रहा है मुझे

 

क्यों किया है वफ़ा में दग़ा

 उससे ये अब गिला है मुझे

 

दिल फ़रेबी ही निकला वही

कब मिला बावफ़ा है मुझे

 

रोज़ आज़म गिला है किया

प्यार कब ये करा है मुझे

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

यह भी पढ़ें : –

मुहब्बत में मुझे धोखा दिया है | Dhokha Shayari

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *