तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर | Pyar wali ghazal
तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ?
( Tu pyar ki hamesha dil mein chah kar )
तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ?
नफ़रत की यूं न दिल में तू पनाह कर
तू डोर तोड़ मत रिश्तें वफ़ा भरी
तू रिश्तें में वफ़ा से ही निबाह कर
पढ़ले नमाज रब की रोज़ दोस्त तू
कोई न जीवन में ही तू गुनाह कर
दुश्मन रहे सभी जो दूर हर घड़ी
अपनी ख़ुदा सदा मुझ पर पनाह कर
आयेगा वो नहीं मिलनें तुझे कभी
उसकी न अब मगर देखो यूं राह कर
तेरी करेगा मुहब्बत वो क़बूल
उसकी गली न सजदे करके गाह कर
तू भूल जा उसे अब उम्रभर दिल से
आज़म न याद में उसकी यूं आह कर