आज के हालात पर कुछ दोहे | R K Rastogi Ke Dohe
आज के हालात पर कुछ दोहे
( Aaj ke halat par kuch dohe )
भरोसा मत ना कीजिए,कुल की समझो लाज।
पैंतीस टुकड़ों में कटा,श्रद्धा का बटा विश्वास।।
भरोसा किसी पर न करे,सब पर आंखे मीच।
स्वर्ण मृग के भेष में,आ सकता है मारीच।।
मां बाप के हृदय से,गर निकलेगी आह।
कभी सफल नहीं होगा,ऐसा प्रेम विवाह।
आधुनिकता के समर्थकों,इतना रखना याद।
बिन मर्यादा आचरण,बिगड़ेगी ही औलाद।।
जीवन स्वतंत्र आपका,करिए फैसला आप।
पर कुछ ऐसा न कीजिए,मुंह छिपाए मां बाप।।
आंगन की गरिमा,कुल की इज्जत आप।
सावधान रहना जहा,षड्यंत्रों की भांप।।
बालिबुड की गंदगी, खत्म करे सरकार।
जालसाज अच्छे लगे,बुरे लगे परिवार।।
जब जब मन पर चढ़े,अंधा इश्क सवार।
इस दरिंदगी को याद,कर लेना एक बार।।
नारी तुम श्रद्धा रहो,है घर की उपयोगी चीज।
फिर किसकी औकात,जो काट रखे तुम्हे फ्रिज।।
संस्कारों की सराहना, कुकृत धिक्कारिए आज।
आने वाली पीढ़ियां,करेगी तुम पर सब नाज।।
रचनाकार : आर के रस्तोगी
गुरुग्राम ( हरियाणा )