
रेशम की डोरी बहना का प्यार
( Resham ki dori behna ka pyar )
रेशम की डोरी राखी, भाई बहन का प्यार।
त्यौहार सद्भावों भरा, राखी बंधवाइये।
कच्चे धागों में लिपटा, प्रेम सुधारस सार।
रक्षासूत्र बांधकर, संबंध निभाइये।
अक्षत चंदन रोली, बहना लै बांधे राखी।
रिश्तो की डोर को, पावन बनाइए।
खुशियां लेकर आया, शुभ राखी का त्यौहार।
सद्भाव भरी डोर से, त्योहार मनाइये।
बहना लाड प्यार से, कलाई बांधती राखी।
हंसी-खुशी माहौल को, मोहक बनाइये।
खुशियों से भरा रहे, बहना घर संसार।
फर्ज भाई बहन का, संकट निवारिये।
नदी पर्वत पेड़ों को, मानव जा बांधे राखी।
कुदरत की और भी, कदम बढ़ाइये।
प्रेम रसधार बहे, घट घट नेह भरी।
बहती पुण्य गंगा में, डुबकी लगाइये।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )