रामजी के गाँव रे | Ram ji Ke Gaon
रामजी के गाँव रे
( Ram ji ke gaon re )
चला चली धनिया ई माटी कै नाव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।
फल,फूल,मेवा,नरियल,उहाँ हम चढ़ाईब,
सरयू नदी में दूनों डुबकी लगाईब।
जनम -जनम से उनसे आपन लगाव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।
चला चली धनिया ई माटी कै नाव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।
कनक-भवन देखब, ऊ सीता रसोइयां,
हनुमानगढ़ी देखब जहाँ बजत बा बधइया।
अरे! आयल जिनगी कै अंतिम पड़ाव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।
चला चली धनिया ई माटी कै नाव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।
धन्य हैं कौशल्या माई, धन्य कैकेई,
धन्य हैं सुमित्रा, धन्य तीनों माई।
धोवल जाई अँसुवन से प्रभु जी कै पांव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।
चला चली धनिया ई माटी कै नाव रे,
होई जाई बेड़ा पार रामजी के गाँव रे।