राम राजतिलक
( Ram Rajtilak )
राजतिलक की हुई तैयारी, देव ऋषि सज धज आए।
अब होंगे राजा राम हमारे, सजी अयोध्या मन हर्षाये।
तोरण द्वार सब नगर सज रहे, हाथी घोड़े सजे सारे।
अवधपुरी में धूम मची, अब राजा होंगे राघव प्यारे।
विनय भाव को धारणकर, मर्यादा पालक है श्रीराम।
तीनो लोक पे राज कर सके, प्रजापालक है श्रीराम।
हर्ष आनंद की वर्षा अवध में, कल होंगे राजाराम।
कौशल्या के नंदन प्यारे, रघुकुल तारे जय श्रीराम।
मर्यादा पुरुषोत्तम रघुवर, दशरथ नयन सितारे।
अवधपुरी रोशन हुई सारी, सड़के घर घर द्वारे।
दूर-दूर के राजा आए, गुरु वशिष्ठ थाल सजाये।
सूर्यवंशी ध्वजा लहरें, समाचार सबके मन भाए।
मंगल गीत गा रही नारियां, राजमहल खुशियां भारी।
सुंदर सी सजी झांकियां, हुई राजतिलक की तैयारी।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )