राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

( Vigyan se Manavta ka Bhala )

 

विज्ञान की अठखेलियों से, मानवता का भला हो

वर्तमान विज्ञान प्रौद्योगिकी ,
मनुज जीवन अभिन्न अंग ।
अनुप्रयोग संसाधन सानिध्य,
रज रज व्याप्त भौतिक रंग ।
हर घर सुख समृद्ध मंगल,
नवाचारी प्रयोग कला हो ।
विज्ञान की अठखेलियों से, मानवता का भला हो ।।

असाध्य रोग भव्य निदान,
चिकित्सा सहज सरल ।
त्वरित कष्ट दर्द निवारक,
ठोस रूप धर तरल ।
मानव सेवा परम धर्म,
अंतर दिव्य भाव पला हो ।
विज्ञान की अठखेलियों से, मानवता का भला हो ।।

अंध परमाणु विकास विस्तार,
परिणाम सदा दुखदाई ।
कट्टर प्रतिस्पर्धा विश्व पटल,
शांति बगिया मुरझाई ।
प्रश्न तज उत्तर निर्माण,
आरंभ नव सिलसिला हो ।
विज्ञान की अठखेलियों से, मानवता का भला हो ।।

मैत्रिवत कृत्रिम बुद्धिमता ,
पर्यावरण संरक्षण ध्यान बिंदु ।
आदर सत्कार इतिहास संस्कृति,
नैसर्गिक सौंदर्य संधान सिंधु ।
सर्वत्र मंडन उत्सविक आरेख ,
धरा गगन दामन उजला हो ।
विज्ञान की अठखेलियों से, मानवता का भला हो ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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