21 वीं सदी का यथार्थ

देव संस्कृति
देव भाषा
देव लोक
की विदाई
मानव का
प्रौद्योगिकीकरण
जड-चेतन का
निशचेतन
छायावाद का
प्रचलन
चार्वाक का
अनुकरण
कृत्रिम इच्छा
का सृजन
कृत्रिम मेधा
का उत्पादन
बाजारों के
बंजारें
आत्ममुग्धता की
उपभोक्तायें
मानवता का
स्खलन
सभ्यता का
यांत्रिकरण
बिलगेटस,मस्क का
खगोलीकरण
अंबानी,अडानी का
आरोहण
मूल्यों-नीतियों का
मर्दन
रक्तबीजों का
अंकुुरण
उभयनिषठ होंगे
उन्माद-अवसाद
के संसार
बेशुमार!

Shekhar Kumar Srivastava

शेखर कुमार श्रीवास्तव
दरभंगा( बिहार)

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