
आज की शाम तेरे नाम
( Aaj Ki Shaam Tere Naam )
उतर आये सुहाना चांद धरा पे चमन महक जाये
दिल की धड़कनें कहती ये शाम तेरे नाम हो जाए
अल्फाजों के मोती बरसे हर्ष खुशियां आनंद आए
खुशियों की बरसे घड़ियों ये शाम तेरे नाम हो जाए
सुख-दुख बांटे बड़े प्रेम से गीतों की लेकर लड़ियां
सद्भावों की बहा दे सरिता बरसे सुंदर सी झड़ियां
सारे तूफानों से भीड़ ले पीड़ायें निष्काम हो जाए
मधुर तराने गीत उमड़े ये शाम तेरे नाम हो जाए
जोड़ें तार दिलों के सबके दिलों में हम बस जाए
दिल की बातें सुनें हम भी प्रेम बांटे पीर मिटाएं
लबों पे मुस्कान सुहानी घर घर में खुशहाली आए
हंसी खुशी के पल सुहाने शाम तेरे नाम हो जाए
अपनापन प्यार सलोना जोश प्रेम दिल में सजा ले
हम मिलकर झूमे नाचे खुशियों से त्योहार मना ले
उमंग उल्लास वासंती रंग नवरस हर ह्र्दय बरसाए
मधुर बेला सुहानी फागुनी शाम तेरे नाम हो जाए
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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