Pome in Hindi on Ghar

घर होना चाहिए | Pome in Hindi on Ghar

घर होना चाहिए!

( Ghar hona chahiye ) 

 

घर चाँदी का हो या माटी का, घर होना चाहिए,
परिंदा जमीं पे रहे या आसमां,पर होना चाहिए।
जिन्दगी जहाँ नहीं मुस्काती वो बेचारे क्या करें?
वहाँ भी मुंबई के जैसा शहर होना चाहिए।

दुनिया है फानी सिर्फ पैसे के पीछे मत भागो,
करो कुछ देश के लिए, नाम अमर होना चाहिए।
ईमानदारी ख़त्म होती जा रही देखो आजकल,
दुआ तो दोगे पर उसमें असर होना चाहिए।

मत करो गलत लत वाले से बेटी की शादी,
बाँधो डोर उससे कि गुजर -बसर होना चाहिए।
कभी मत दो तालीम किसी मासूम को पीटकर,
शिक्षा लेते वक़्त बच्चे को निडर होना चाहिए।

होंठों पे हो दुआ और सेहत हो सबकी अच्छी,
जालिमों से रिश्ता तुम्हारा दूर होना चाहिए।
काँटों पे चलकर ही तब मिलती है कामयाबी,
बस आदमी के अंदर वो हुनर होना चाहिए।

बेचने पे बिक जाती है देखो शहरों में मिट्टी,
बेचने वाली के चेहरे पे थोड़ा नूर होना चाहिए।
सौ बात की एक बात जब हुस्न हो पूरे शबाब पे,
हद से ज्यादा इश्क़ को भी मगरूर होना चाहिए।

 


रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),मुंबई

यह भी पढ़ें :-

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा | Poem Sare Jahan se

 

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *