रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ

रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ | Ghazal

रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ

( Roz rab se main yaron khushi mangata hoon )

 

 

रोज़ रब से मैं यारों ख़ुशी मांगता हूँ!
दूर हो दुख अच्छी जिंदगी मांगता हूँ

 

उम्रभर  साथ  मेरा  निभाये वफ़ा
एक ऐसी  रब से दोस्ती मांगता हूँ

 

प्यार हो वावफ़ा से भरी हो सदा
जिंदगी के लिए  आशिक़ी मांगता हूँ

 

प्यास जिससे मेरी मिटे प्यार की
रोज़ रब से ऐसी शबनमी मांगता हूँ

 

दूर हो तन्हाई जिंदगी से मेरी
हुस्न की राहों में चांदनी मांगता हूँ

 

हूँ  मैं बेरोज़गारा कभी जीवन में
मैं दुआ में रब से नौकरी मांगता हूँ

 

दें सदा आज़म को जो वफ़ा की ख़ुशबू
रोज़ ऐसी ख़ुदा से कली मांगता हूँ

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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