![Saath Mein Koi साथ में कोई नहीं मेरे चला है](https://thesahitya.com/wp-content/uploads/2021/03/Saath-Mein-Koi-696x435.jpg)
साथ में कोई नहीं मेरे चला है
( Saath Mein Koi Nahi Mere Chala Hai )
साथ में कोई नहीं मेरे चला है
दुश्मनों से ही आज़म तन्हा लड़ा है
प्यार के मुझको मिले मरहम नहीं थें
अपनों से ही जख़्म बस मिलता रहा है
मैं ख़ुशी से मुस्कुरा पाया नहीं हूँ
रोज़ दिल ग़म में यहां तो बस जला है
कब मुहब्बत से करी है बातें मुझसे
नफ़रतों से ही दिल अपनों का भरा है
नफ़रतों की भीड़ में मैं खो गया हूँ
प्यार का खायो यहां तो रास्ता है
वास्ता उसनें नहीं रक्खा उल्फ़त का
बेदिली से ही उसनें ठुकरा दिया है
छोड़ते पीछा नहीं ग़म जिंदगी का
सच कहूँ मैं तो ख़ुशी लगती ख़फ़ा है
कर गया जख़्मी मुहब्बत से भरा दिल
फ़ूल आज़म प्यार का जिसकों दिया है
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
यह भी पढ़ें : –