दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा | Sad wali ghazal
दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा
( Dil dukha khoob raha wo mera )
दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा !
दोस्त सच्चा न हुआ वो मेरा
हर घड़ी करके सितम वो मुझ पर
दिल रहा रोज़ दुखा वो मेरा
रास्ता कैसे मिले मंज़िल का
रहनुमा ही न बना वो मेरा
उम्रभर जिसकी भलाई की थी
कर गया आज बुरा वो मेरा
कोई भी बात न माने आज़म
रह गया कब है सगा वो मेरा