Safalta
Safalta

सफलता

( Safalta ) 

 

उनको आज कल,

 एक ही धुन सवार है,

 चाहे कुछ भी करना पड़े ,

परंतु सफलता पाकर रहूंगा ।

इस सफलता को पाने के लिए,

उन्होंने त्याग दिए घर बार ,

दोस्ती यारी को भी भुला दिया,

 मशीनों की तरह ,

सोचना छोड़ दिया है,

 सामाजिक रिश्तों के बारे में ,

बना लिया अपनों को,

 मशीनों जैसा!

 जो ना सोचती ,

ना विचार करती ,

बस स्विच ऑन किया ,

चलने लगती है सरपट ।

उनकी जिंदगी भी,

 मशीनों की भांति ,

सरपट भागती जा रही है,

जिंदगी की  स्विच भी ,

धीरे से बंद हो गए।

 लोगों ने कहा कि,

 वह कितना सफल इंसान था,

देखो उसके त्याग को,

 अपने लक्ष्य के लिए ,

घर परिवार सबको त्याग दिया।

 बीच चौराहे पर ,

लगाई गई उसकी  भव्य मूर्ति,

जिसके नीचे लिखा था –

यह दुनिया का सफल इंसान है

लेकिन मशीनों की तरह ठूंठ।

 

योगाचार्य धर्मचंद्र जी
नरई फूलपुर ( प्रयागराज )

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